उत्पत्ति
संस्थान की स्थापना, रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया द्वारा वर्ष 1953 में गठित आल इंडिया रूरल क्रेडिट सर्वे कमेटी की सिफारिशों के आधार पर विभिन्न स्तरों पर कार्यरत सहकारी कर्मियों के प्रशिक्षण के लिए एक त्रि-स्तरीय प्रारूप के रूप में की गई थी | प्रशिक्षण के त्रिस्तरीय प्रारूप के अंतर्गत, यह योजना बनाई गई थी कि राष्ट्रीय स्तर पर राष्ट्रीय सहकारी प्रबंध संस्थान देश की सहकारी समितियों के वरिष्ठ स्तर के कर्मियों की प्रशिक्षण आवश्यकताओं का ध्यान रखेगा | सहकारी प्रबंध संस्थान सहकारी समितियों के मध्यम स्तर के पदाधिकारियों की प्रशिक्षण आवश्कताओं को पूरा करेंगे और जूनियर प्रशिक्षण केंद्र सहकारी समितियों के अन्य कर्मचारियों की प्रशिक्षण आवश्कताओं को पूरा करेंगे |
उपरोक्त वर्णित व्यवस्था के अंतर्गत, सहकारी क्षेत्र में मानव संसाधन विकास हेतु प्रशिक्षण कार्यक्रमों के आयोजन के लिए राष्ट्रीय स्तर पर राष्ट्रीय सहकारी प्रशिक्षण परिषद् का गठन किया गया था | परिषद् अपने व्यापक नेटवर्क के माध्यम से देश के विभिन्न भागों में फैले अपने 20 संस्थानों की गतिविधियों का संचालन करती है, जिसमें वैकुण्ठ मेहता राष्ट्रीय सहकारी प्रबंध संस्थान, पुणे, क्षेत्रीय सहकारी प्रबंध संस्थान (5)और सहकारी प्रबंध संस्थान (14) शामिल हैं जो देश के विभिन्न हिस्सों में स्थित है |
इतिहास
यह संस्थान देश के सबसे पुराने सहकारी प्रशिक्षण संस्थानों में से एक है | इसे पहले सहकारी प्रशिक्षण महाविद्यालय के नाम से जाना जाता था और यह कोटा में स्थित था | इसकी स्थापना 1956 में भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा गठित सहकारी प्रशिक्षण के लिए केंद्रीय समिति के तत्वाधान के तहत की गई थी |
संस्थान को वर्ष 1977 में कोटा से जयपुर स्थानांतरित कर दिया गया था | इससे पहले संस्थान थावरिया हॉउस, बनी पार्क, जयपुर में किराये के भवन में संचालित होता था | 1990 में यह महाविद्यालय झालाना डूंगरी में अपने स्वंय के परिसर में स्थानांतरित हो गया | 1992 में इस महाविद्यालय का नाम बदलकर सहकारी प्रबंध संस्थान (ICM) कर दिया गया |
यह संस्थान राष्ट्रीय सहकारी प्रशिक्षण परिषद्, नई दिल्ली (भारत सरकार द्वारा
प्रवर्तित एक स्वायत्त संस्था, सहकारिता मंत्रालय, भारत सरकार) के प्रशिक्षण
संस्थानों में से एक है |
संस्थान, सहकारी और सम्बद्ध क्षेत्रों के प्रशिक्षण, अनुसंधान और परामर्शी आवश्यकताओं के लिए 60 से अधिक वर्षो से अस्तित्व में है |
प्रशिक्षण कार्यक्रम
संस्थान, क्रेडिट और बैंकिंग, शहरी बैंकिंग, दीर्घकालिक वित्त, विपणन और प्रसंस्करण, औद्योगिक, उपभोक्ता, हथकरघा, आवास, डेयरी, श्रम, वन, मत्स्य सहकारी समितियों, प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों, वृहद कृषि बहुउद्देशीय सहकारी समितियों, सहकारी शिक्षा और प्रशिक्षण जैसे आंदोलन के विभिन्न क्षेत्रों को कवर करने वाले कार्यक्रमों की एक विस्तृत श्रृंखला प्रदान करता है | सामान्य प्रबंधन पाठयक्रम के आलावा यह संस्थान सहकारी लेखा और लेखा परीक्षा, सांख्यिकी, सहकारी कानून, अभ्यास और प्रक्रिया तथा अन्य जुड़े कानूनों पर पाठ्यक्रम प्रदान करता है |
संस्थान तीन लम्बी अवधि के पत्रोपाधि पाठ्यक्रम आयोजित करता है | सहकारी प्रबंधन में उच्चतर पत्रोपाधि पाठ्यक्रम, सहकारी अंकेक्षण में पत्रोपाधि और औद्योगिक सहकारी प्रबंध में पत्रोपाधि पाठ्यक्रम | इसके अलावा संस्थान बड़ी संख्या में आवश्यक्ता के आधार पर लघु अवधि प्रबंधकीय विकास कार्यक्रम के साथ-साथ नेतृत्व विकास कार्यक्रम भी आयोजित करता है | यह संस्थान सी-पेक लखनऊ द्वारा एक्रेडिटेड है |